एक भुला दिया गया पैगम्बर: प्रश्न गाँधी की प्रासंगिकता का

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वह शिकायत करती है कि उन्हें लगता था कि आख़िरकार ईश्वर को भी एक अच्छे और ताकतवर इंसान में भरोसा करना होगा, पर इस सदी में इंसान अच्छा और ताकतवर एक साथ नहीं हो पाया। मेरे विचार में गाँधी बीसवीं सदी के अच्छे एवं ताकतवर इंसान तो थे पर ईश्वर या यूँ कहे कि मानवता ने उनके ऊपर विश्वास करने से इंकार कर दिया।